प्रभु की सुंदरताके सामनें चंद्रमा भी फीका है- गोपालानंद महाराज कासिमाबाद । गाजीपुर प्रभु श्री राम की बाल्यावस्था की सुंदरता के...
प्रभु की सुंदरताके सामनें चंद्रमा भी फीका है- गोपालानंद महाराज
प्रभु श्री राम की बाल्यावस्था की सुंदरता के सामने चंद्रमा भी धुंधला पड़ जाता है । जीवन में सब कुछ पानी के लिए भगवान की शरण में जाना होगा । इसके लिए भक्ति के मार्ग पर चलना होगा। उक्त बातें अयोध्या से पधारे गोपालानंद महाराज जी ने बृहस्पतिवार की देर शाम स्थानीय चौक पर आयोजित संगीत मय राम कथा के चौथे दिन भक्त जनों को संबोधित करते हुए कही ।
महाराज जी ने बताया कि बड़े पुण्य कर्मों से मानव जीवन प्राप्त हुआ है । इसका अधिक से अधिक अच्छे कार्यों में सदुपयोग करना चाहिए। मनुष्य को सदैव श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए और जो लोग श्रेष्ठ कार्य करना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए । उन्होंने आगे बताया कि मर्यादा भगवान पुरुषोत्तम राम के आदर्शों का सदैव अपने जीवन में समावेश करना चाहिए। रामचरित्र मानस की प्रत्येक चौपाई में कुछ न कुछ जीवन को सफल बनाने की बातें लिखी हुई हैं। अत: सभी को रामचरित्र मानव का पठन पाठन अवश्य करना चाहिए। रामकथा के प्रसंग में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न का जन्म व उनकी बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया गया। महाराज के आवाहन पर
जय श्री राम के उद्घोषणा से कथा स्थल गुजायनमान रहा ।
महाराज जी ने कहा कि जो पूरे जगत को चलता है वह आज मां कौशल्या का उंगली पकड़कर चल रहा है । ऐसा इसलिए की मां कौशल्या ने भक्ति के मार्ग पर चलकर भगवान को प्राप्त किया है ।उन्होंने बताया कि भगवान के 24 अवतार में बाल अवतार का कोई जवाब नहीं है ।भगवान बाल्यावस्था में इतना सुंदर थे कि उनके सामने चंद्रमा भी फीका पड़ जाता था । उन्होंने बताया कि जीवन में सब कुछ प्राप्त करने के लिए भक्ति का मार्ग चुनना होगा ।और जब भक्ति मिल जाएगी तो भगवान अपने आप मिल जाएंगे । इसके लिए हम सभी को चिंतन करना चाहिए । बताया कि जब आपको कोई चीज प्राप्त होती है इसके लिए चिंता करनी चाहिए कि यह कैसे प्राप्त हुआ है । आपको जो कुछ भी इस संसार में मिल रहा है भगवान की कृपा से ही मिल रहा है । उन्होंने बताया कि भगवान शंकर ने भगवान के दो अक्षर में नामकरण किया था जो राम के नाम से जाना जाता है ।उन्होंने कहा कि राम का नाम लेने से ही कल्याण हो जाता है । संगीत मय राम कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ पुरुष उपस्थित थे ।
Jai shree Ram
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