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एतिहासिक कासिमाबाद किले पर दो समुदायों के बीच तनाव, प्रशासन की मौजूदगी में समझौता,‌‌ स‌ात घंटे बाद चढ़ाई गई धार

न्यूज़ डेस्क खबर आर पार  गाजीपुर ब्यूरो  कासिमाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव स्थित  किले पर क्षतिग्रस्त देई मां के स्थान का नव नि...

न्यूज़ डेस्क खबर आर पार 
गाजीपुर ब्यूरो 
कासिमाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव स्थित  किले पर क्षतिग्रस्त देई मां के स्थान का नव निर्माण कार्य एक सामुदाय विशेष के लोगों द्वारा शुक्रवार की सुबह प्रशासन की मदद से रोक दिया गया । इसको लेकर हिन्दू पक्ष धार(जल) चढाने से मना कर धरने पर बैठ गया । बाद में दोनों पक्षों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुए समझौते के बाद सात घंटे बाद हिंदू पक्ष धार (जल) चढ़ा दिया तथा देई मां के स्थान का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया । जैसे ही हिंदू पक्ष पूजन कर वापस  गया प्रशासन राहत की सांस लिया ।
मालूम हो कि कासिमाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में नबाब कासिम का जर्जर किला है। इस किले को कासिमाबाद के किले के नाम से जाना जाता है। इस किला पर शाबिर दादा की मजार के साथ एक जगह देई मां का स्थान है। देई मां के स्थान पर हिंदू पक्ष 50 वर्ष पूर्व से नाग पंचमी के दूसरे दिन से रक्षाबंधन तक धार जल चढ़ता है । इस बार देई मां का स्थान क्षतिग्रस्त होने से हिंदू पक्ष   चंदा लगाकर वृहस्पतिवार को निर्माण कार्य प्रारंभ किया । इसको लेकर मुस्लिम पक्ष कार्य रोकने की मांग किया । काम नहीं रुका तो मुस्लिम पक्ष प्रशासनिक अधिकारीयों से शिकायत कर काम रुकवाने की मांग किया। शुक्रवार की सुबह उपजिलाधिकारी आशुतोष कुमार प्रभारी निरीक्षक आरएस नागर के साथ मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य को रुकवा दिया। निर्माण कार्य रुकते ही हिंदू पक्ष देई मां के स्थान के पास पहुंचकर धार (जल) चढ़ाने से  मना करते हुए धरने पर बैठ गए । यही नहीं सभी लोग अपना-अपना जल जमीन पर रख दिए । इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे ।  मौके पर दोनों पक्षों के लोगों की काफी भीड़ जुट गई । धीरे-धीरे कई थानों की फोर्स के साथ पीएसी की एक बटालियन भी मौके पर पहुंच गई । दोपहर बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने फिर दोनों पक्षों से वार्ता कर इस समझौते पर निष्कर्ष निकाला गया । सहमति के अनुसार हिंदू पक्ष 10 फीट लंबा 10 फीट चौड़ा चबूतरा बनाएंगे ।  लोहे का चारों तरफ एंगल लगाकर टीन सेड रख कर सुरक्षा के लिए चारों तरफ से लोहे की जाली लगाकर एक छोटा सा गेट लगाया जाएगा । इसके बाद दोनों पक्षों से 30-30 लोगों का समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कराकर सुनाया गया। इसके बाद मौके पर मौजूद दोनों पक्षों के लोगों ने सहमति जताई। तब जाकर हिंदू पक्ष धार (जल) देई मां को चढ़ाया । इसी के साथ देई मां के स्थान का निर्माण कार्य भी हिंदू पक्ष शुरू करा दिया । हिंदू पक्ष के द्वारा पूजा कर वापस जाते ही  प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस लिया । मौके पर उप जिलाधिकारी आशुतोष कुमार,  अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बलवंत चौधरी, क्षेत्राधिकारी चोब सिंह, नायब तहसीलदार अनुराग यादव ,प्रभारी निरीक्षक आरएस नागर के साथ बिरनो, मरदह , नोनहरा के थानाध्यक्ष एक सेक्शन पीएसी मौजूद रही।

     जानें कासिमाबाद किले पर कैसी है स्थिति 
कासिमाबाद किला सोनबरसा गांव की अराजी नम्बर 136 रकबा 0.7120 हेक्टेयर में फैला है। इस किले पर शाबिर दादा की मजार के साथ देई मां का स्थान है। एक पक्ष के लोगों का‌‌ आरोप है कि साबिर दादा के मजार पर  अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता है । 24 घंटा महिलाओं की झाड़ फूंक की जाती  है । हिंदू पक्ष देई मां के स्थान पर प्रत्येक श्रावण मास में नाग पंचमी के दूसरे दिन से रक्षाबंधन तक काली मां के साथ गांव के हर देवी देवताओं को धार जल चढ़ाते हैं । हिंदू पक्ष के लोगों ने बताया कि देई मां का स्थान 50 वर्षों से मौजूद रहा है । इस वर्ष ना जानकारी में अराजक तत्वों ने देई मां का स्थान क्षतिग्रस्त कर पिंडी तोड़कर फेंक दिया गया है।यही कारण है कि देई मां के स्थान का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया था। मुस्लिम पक्ष बिना वजह का विवाद पैदा किया।

           पूर्व में भी रहा है तनाव 
पूर्व में 80 के दशक में किले पर दोनों पक्षों में तनाव के साथ विवाद हुआ था । इस विवाद को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के बीच दोनों पक्षों में समझौता हुआ था ।‌ जिसमें दोनों पक्षों के द्वारा किले पर कोई नवनिर्माण कार्य नहीं किए जाने का समझौता हुआ था । इसी को मुस्लिम पक्ष दिखाते हुए देई मां के स्थान का निर्माण कार्य करने से रोक रहे थे । हिंदू पक्ष का कहना था कि जब 1980 में दोनों पक्षों को मना किया गया तो साबिर दादा की मजार का निर्माण के साथ ऊपर से टीन सेड कैसे लगाया गया है ।चारों तरफ से रेलिंग बनाई गई है । यह किसके अनुमति से कराया गया है । इस बात पर मुस्लिम पक्ष के पास कोई जवाब नहीं था । हिंदू पक्ष के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत किया कि सोनबरसा गांव में कुछ लोग अमन चैन को बिगाड़ना चाहते हैं । अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में शांति भंग हो सकती है ।

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